वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी, जल्द हो सकता फैसला

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Aadhaar-Voter ID Link– चुनावी पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग अब वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने की योजना पर कार्य कर रहा है। जिसका मकसद फर्जी और डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र को चिन्हित कर मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाना है। इस संबंध में 18 मार्च को आयोग द्वारा बैठक रखी गई है। जिसमें गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और UIDAI के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।

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तृणमूल कांग्रेस ने उठाया था मुद्दा

बताते चले कि तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में एक ही ईपीआईसी नंबरों वाले मतदाताओं का मुद्दा उठाया था और आयोग ने भी गलती मानी थी कि कुछ राज्यों में गलत अल्फा न्यूमेरिक सीरीज के कारण एक ही नंबर दोबारा जारी किए गए थे। जिसके बाद आयोग ने यह घोषणा भी की थी कि जिन मतदाताओं को डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर जारी हुए हैं उन्हें तीन महीने के भीतर नया नंबर दिया जाएगा। साथ ही आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि एक ही ईपीआईसी नंबर होने का मतलब यह नहीं कि मतदाता फर्जी है बल्कि कोई भी मतदाता सिर्फ उसी निर्वाचन में वोट डाल सकता है जहां वह पंजीकृत हैं।

वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक

चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने के पीछे का मकसद मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने का है। मीडिया रिपोर्टों की मानें को 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन के बाद निर्वाचन आयोग ने स्वेच्छा से आधार नंबर एकत्रित करने शुरू किए हैं हालांकि अभी तक आयोग द्वारा आधार और मतदाता पहचान पत्र के डेटाबेस को लिंक नहीं किया है।

18 मार्च को होगी बैठक

इस संबंध मे मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और निर्वाचन आयुक्त विवेक जोशी 18 मार्च को केन्द्रीय गृह सचिव और विधाई विभाग के सचिव और UIDAI के सीईओ भुवने कुमार के साथ बैठक करेंगे।

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