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Mukesh Bora: दुष्कर्म आरोपी मुकेश की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज

Mukesh Bora:उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा(Mukesh Bora) की गिरफ्तारी पर दायर हुई याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत का कहना है कि ऐसे जघन्य अपराधों के आरोपी को अंतरिम राहत देना सही नहीं है। ऐसे में अनुसंधान में बाधा पहुंचती है और वह सबूत से छेड़छाड़ कर सकता है।

अंतरिम राहत के योग्य नहीं आरोपी

पीड़िता पक्ष की ओर से दुष्यंत मनाली नामक अधिवक्ता ने अधिक जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकल पीठ ने 17 सितंबर को सुनवाई की थी। इसके बाद न्यायालय ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिसपर आज 18 सितंबर को कोर्ट की वेबसाइट पर एकल पीठ ने निर्णय सुनाया। जिसमें कहा गया कि आरोपी को किसी भी तरह की अंतरिम राहत नहीं मिलेगी। आरोपी किसी अंतरिम राहत के योग्य नहीं है।

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पीठ ने यह भी कहा कि लिहाजा उनकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज किया जाता है। इसके बाद पुलिस के समक्ष अभियुक्त मुकेश बोरा के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।

महिला को होटल में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप

दुग्ध उत्पादक संघ,नैनीताल के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर एक विधवा महिला ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। महिला के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुकेश बोरा ने उसे नौकरी दिलाने के नाम पर होटल में बुलाया था। जहां मुकेश ने महिला के साथ दुष्कर्म किया। यह सब आरोप विधवा महिला ने मुकेश बोरा पर लगाए हैं, जिनकी तहकीकात चल रही है। विधवा महिला ने मुकेश पर अपनी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था।

दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज

इस घटना के बाद लालकुआं कोतवाली में मुकेश बोरा के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद से आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। दुग्ध संघ अध्यक्ष बोरा ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 17 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए बोरा से जांच में सहयोग करने को कहा था ।

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