उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने पहले भारतीय

उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने पहले भारतीय
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Paris Olympic 2024 में उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ( Lakshya Sen ) ने इतिहास रच दिया है। लक्ष्य ने चीनी ताइपे खिलाड़ी चाउ टिएन चेन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।

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लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास

शुक्रवार को Paris Olympic 2024 में भारतीय शटलर लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में चाउ टिएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से मात देकर इतिहास रच दिया। ओलंपिक में बैडमिंटन मेंस सिंगल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले लक्ष्य सेन पहले भारतीय बन गए हैं। पहले सेट आने के बाद लक्षण है जोरदार वापसी की और चीनी ताइपे खिलाड़ी को वापसी का कोई मौका नहीं दिया।

अब सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन का मुकाबला सिंगापुर के लोह कीन यू और डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के बीच होने वाले क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा।

जीत चुके हैं कई पदक

इससे पूर्व लक्ष्य सेन ने 2021 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत के सीट्स बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। वही 2022 में आयोजित एशियाई खेलों में लक्ष्य ने रजत पदक अपने नाम किया था।

उत्तराखंड से है नाता

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद निवासी लक्ष्य सेन का जन्म अगस्त 2001 में हुआ है। उनके परिवार में हमेशा से ही बैडमिंटन का जुनून रहा है। लक्ष्य के दादा चंद्र लाल सेन अल्मोड़ा में बैडमिंटन खेल की पहचान दिलाने वाले पहले व्यक्ति थे। जबकि उनके पिता डीके से ने 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और वही लक्ष्य सेन के कोच है।

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