उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: इस तरह मामले ने पकड़ा तूल और सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
उत्तरकाशी मस्जिद विवाद इस समय सुर्खियों में छाया हुआ है। हिन्दू संगठनों द्वारा की गई जनाक्रोश रैली के बाद यह मामला और तूल पकड़ते जा रहा है। एक तरफ प्रशासन मस्जिद को वैध बता रहे तो वहीं दूसरी और अन्य संगठन इसे वैध मानने को तैयार नहीं है।
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RTI के तहत मांगी गई थी जानकारी
दरअसल 14 अगस्त को एक व्यक्ति ने जिला प्रशासन से उत्तरकाशी में स्थित मस्जिद के संबंध में RTI के तहत यह जानकारी मांगी थी कि मस्जिद के नाम पर कोई पट्टे, फ्री होल्ड नजूल भूमि को स्वीकृति नहीं है। जिस पर प्रशासन ने यह जानकारी दी कि मस्जिद के नाम पर कोई भूमि नजूल फ्री होल्ड या पट्टा आवंटन नहीं है। बस यह जानकारी मिलते ही पूरे जिले में मस्जिद के खिलाफ विरोध तेज हो गया।
उत्तरकाशी मस्जिद विवाद
हालांकि बाद में जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उत्तरकाशी में स्थित मस्जिद को वैध बताया और कहा का मस्जिद के नाम नजूल फ्री होल्ड या पट्टा आवंटन की भूमि नहीं बल्कि जो भूमि है वह भूमिधारी श्रेणी की है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से संबंधित आरटीआई आवेदन को उपलब्ध मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों को लेकर विस्तार से जानकारी दी लेकिन संगठनों ने बाद में मिली जानकारी को मानने से इंकार कर दिया।
प्रशासन पर गुमराह करने का आरोप
हिन्दू वादी संगठनों ने प्रशासन पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले आरटीआई में प्रशासन ने यह जानकारी दी कि मस्जिद के नाम कोई भूमि नहीं है और यह अवैध है जबकि दूसरी बार केवल जमीन की जानकारी दी गई। प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया कि मस्जिद वैध है यह अवैध।
मस्जिद के नाम नहीं जमीन
वहीं एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला का कहना है कि उपलब्ध कराई गई सूचना बिल्कुल सही दी गई है। RTI में पुछा गया था कि मस्जिद के नाम कौन फ्री-होल्ड नजुल व पट्टे की जमीन तो नहीं है। ऐसी कोई जमीन मस्जिद के नाम नहीं है और जो जमीन है वह भूमिधर श्रेणी क की है।