नई दिल्ली। आज भारत सरकार ने देशभर में चार नई श्रम संहिताओं को लागू कर दिया है, जो पुराने 29 श्रम कानूनों को बदलकर लागू किया गया है। इनमें वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यवसायिक सुरक्षा व स्वास्थ्य एवं कार्य शर्त संहिता 2020 है। सरकार का यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा सुधार ला सकता है, जो गिग वर्कर स्वतंत्र ठेकेदार, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं को विशेष लाभ पहुंचाएगा। इससे भारत के 40 करोड़ से ज्यादा कामगारों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
भारत सरकार का कहना है कि ये संहिताएं उन पुराने कानूनों की जटिलताओं को दूर करती हैं, जो 1930-50 के जमाने के थे। नई श्रम संहिताओं से अब न्यूनतम वेतन सभी कामगारों को मिलेगा, समय पर सैलरी देना अनिवार्य होगा और हर कर्मचारी के लिए नियुक्ति पत्र जारी करना होगा। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा के तहत पीएफ, ईएसआईसी और इंश्योरेंस सभी कामगारों का कवर होगा, यहां तक कि 10 से कम कर्मचारियों वाली दुकानों पर भी यह नियम लागू होगा।
खासकर खतरनाक कामों में लगे मजदूरों को अब पूर्ण सुरक्षा मिलेगी। 40 साल से ऊपर के कामगारों को कंपनियां सालाना फ्री हेल्थ चेकअप भी उपलब्ध कराएगी। महिलाओं के लिए रात की शिफ्ट और सभी कामों में बराबरी का मौका खुलेगा, लेकिन उनकी सहमति और सुरक्षा को ध्यान में रखना अनिवार्य होगा।
इन सुधारों से पहले की तुलना में बदलाव साफ दिखते हैं। पुराने सिस्टम में सामाजिक सुरक्षा सीमित थी, लेकिन अब गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स भी कवर में आएंगे। ग्रेच्युटी सिर्फ एक साल की नौकरी पर मिलेगी, जो युवाओं के लिए राहत है। अनुपालन बोझ कम करने के लिए सिंगल रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस होगा, जिससे छोटे व्यवसाय आसानी से चल सकेंगे। विवाद सुलझाने के लिए इंस्पेक्टर फैसिलिटेटर बनेगा, जो गाइड करेगा न कि सजा देगा। सरकार ने नियम बनाने में जनता और हितधारकों को शामिल करने का वादा किया है, ताकि ट्रांजिशन सुगम हो।
पिछले कुछ दशक में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 19% से बढ़कर 64% हो चुका है, और अब नई श्रम संहिताएं इसे और मजबूत बनाएंगी। अगर आप कामगार हैं, तो जल्दी अपने दस्तावेज अपडेट करें।
