उत्तराखंड में भगवान राम से जुड़े पवित्र स्थान, जाने कहां कहां है स्थित

हिन्दुओं के आराध्य प्रभु श्रीराम का मंदिर अयोध्या में तैयार हो गया है। चित्रकूट, रामेश्वरम जैसे ऐसे कई प्रमुख स्थल है जो भगवान राम से जुड़े हुए हैं लेकिन क्या आपको पता है कि देवभूमि कहीं जाने वाले उत्तराखंड में भी भगवान राम से जुड़े पवित्र स्थान है। यदि आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो इस लेख में हम आपको उन पवित्र स्थानों के बारे में बताएंगे।
उत्तराखंड में भगवान राम से जुड़े पवित्र स्थान
कर्ण प्रयाग- कर्ण प्रयाग अलकनंदा और भिंडर नदी के संगम पर स्थित है और यह भगवान राम से संबंधित है क्योंकि मान्यता है कि उनके पुत्र लव-कुश ने यहां यज्ञ किया था।

व्यासघाट- उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में कर्ण प्रयाग के पास स्थित व्यास घाट नवालिका गंगा संगम के निकट है। मान्यता है कि यही पर महर्षि वाल्मीकि ने राम के जीवन पर आधारित रामायण की रचना की थी।

सिद्ध बली मंदिर – भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी का यह मंदिर कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल में स्थित है जहां रामायण काल से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं।

यह भी पढ़ें – उत्तराखंड में कौन-कौन से धार्मिक स्थल है? उत्तराखंड के ऐतिहासिक स्थल
हनुमान चट्टी- उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री धाम मार्ग में स्थित हनुमान चट्टी राम भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह हनुमान गंगा और यमुना का संगम होता है। मान्यता है कि हनुमान जी की प्यास बुझाने के लिए श्रीराम ने एक जलधारा प्रकट की थी । इसलिए हनुमान नदी को लोग हनुमान धारा भी कहते हैं।

भरत मंदिर – ऋषिकेश में स्थित भरत मंदिर भगवान राम के छोटे भाई भरत को समर्पित है। इस मंदिर को ऋषिकेश का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है।

अश्वमेध स्थल- यह स्थल हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास स्थित है। मान्यता है कि यहां भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था और अत्यंत पवित्र माना जाता है।

रामगंगा नदी – उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में स्थित रामगंगा नदी का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम इस क्षेत्र से गुजरे थे।
