उत्तरकाशी: जान हथेली पर रखकर नदी पार करने को मजबूर छात्राएं

विकास एक ऐसा शब्द जो नेताओं के भाषणों में अधिकतर सुनने को मिलता है। उस समय ऐसा प्रतीत होता कि मानो कुछ ही समय में क्षेत्र का विकास हो जाएगा लेकिन विकास तो मात्र घोषणाओं तक ही सीमित रह जाता है और आम जनता तक रह विकास कब तक पहुंचेंगे यह कहना असंभव सा है। उत्तराखंड एक अलग राज्य की मांग इसलिए भी की गई थी कि प्रदेश के सूदूरवर्ती क्षेत्रों का विकास भी हो सके लेकिन उत्तराखंड बनने के 22 साल बाद भी वह विकास नजर नहीं आ रहा। आए दिन उत्तराखंड की ऐसी कई सारी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है जिन्हें देखकर बस एक ही सवाल उठता है कि क्या यही देखने के लिए उत्तराखंड बना था। कहीं सड़कें नहीं, कहीं अस्पतालों में इलाज नहीं, आप अख़बारों के पन्ने पलटेंगे तो ऐसी खबरें आपको रोज ही पढ़ने को मिलेंगी। ऐसी ही एक वीडियो उत्तरकाशी की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जहां छात्राएं जान हथेली पर रखकर पाइप और केबिल के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं।

 

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उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी विकासखंड के केलसू घाटी में संगमचट्टी-अगोडा मोटर मार्ग पर नौगांव के समीप गदेरे पर छात्र छात्राएं पाइप और केबिल के सहारे गुजरने को मजबूर हैं। अभी तक प्रशासन की ओर से नदी के ऊपर आवाजाही के लिए उचित व्यवस्था नहीं की है, ऐसे में यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। संगमचट्टी-अगोडा मोटर मार्ग पर नौगांव के घराट नामे तोक में गदेरे इन दिनों उफान पर हैं। आवाजाही की कोई व्यवस्था ना होने पर ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए गदेरे के ऊपर पाईप और केबिल लगाई है और छात्रों को जान जोखिम में डालकर गदेरा पार करना पड़ रहा है।