उत्तराखंड: डोली बनी बीमार महिला का सहारा, 4 घंटे पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

उत्तराखंड में सरकारें तो बदलती रही बस बदली नहीं तो उत्तराखंड की हालत, आज भी प्रदेश के कई क्षेत्रों ( खासकर पर्वतीय इलाकों) में सड़क ना होने की वजह से मरीजों को डोली के सहारे कई किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया जाता है। ऐसी ही तस्वीर कामला गांव से सामने आई है जहां सड़क निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से बीमार महिला को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाने में करीब 4 घंटे लग गए।

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जानकारी के अनुसार गुन्नो देवी पत्नी लाल सिंह निवासी कामला गांव को बीते 29 अगस्त को पैरालिसिस का अटैक पड़ा। सड़क निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण परिजनों ने बीमार महिला को करीब 5 किमी चलकर डोली के सहारे मुख्य मार्ग दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे तक पहुंचाया। यहां तक पहुंचने में परिजनों को करीब चार घंटे का समय लग गया और फिर किसी तरह महिला को अस्पताल पहुंचाया गया।

बता दें लोनिवि खंड साहिया ने 3 वर्ष पूर्व 5 किमी लंबे सकरोल-कामला – चुणौ मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया था। जिससे एक हजार से अधिक आबादी सड़क सुविधा से जुडनी थी लेकिन अभी तक थीम किमी सड़क का निर्माण ही हो सका और बीच-बीच में की जगहों पर कटिंग कार्य अधूरा पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में किसी के बीमार होने पत्र उसे डंडी-कंडी के सहारे मुख्य मार्ग तक लाया जाता है। निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण लोगों की आवाजाही कठिन बनी हुई है।