कांग्रेसियों ने फूंका कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला, विधायकी रद्द करने की मांग

महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला सहित जिला अध्यक्ष अंशुल त्यागी सहित महिला कांग्रेस नेत्रियों नें भाजपा से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त किये जाने की मांग को लेकर आवास का घेराव किया तत्पश्चात शव यात्रा निकाल कर पुतला दहन किया।

देवभूमि को किया कलंकित

इस दौरान महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला नें कहा कि विगत दिवस राष्ट्रीय राज मार्ग श्रृषिकेश में अपनी विधानसभा के व्यक्ति की समस्याओं को दूर करने के बजाय प्रदेश के वित्त एंव संसदीय कार्य मंत्री द्वारा बीच सड़क में ही अपनी विधानसभा के मजबूर व्यक्ति को दॊडा़-दौड़ाकर मारने की घटना ने पूरे उत्तराखण्ड की जनता ऒर देवभूमि की संस्कृति को अपनी छवि से शर्मसार कर दिया हैं।

ज्योति रौतेला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मंत्रीमंडल से मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने एंव सड़क के बीचों-बीच अराजकता एंव जनता में भय ऒर आंतक की घटना करने वाले मंत्री के ऊपर गुन्डा एक्ट लगाकर गिरफ्तार करके कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की माँग की।

दहशत फैला रहे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल

उन्होनें कहा कि मंत्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल पहले भी विवादों में रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा के भीतर गुपचुप नियुक्तियों में भी मंत्री का बड़ा हाथ रहा हैं। विगत दिवस मंत्री द्वारा अपनी विधानसभा के गरीब मजलूम व्यक्ति की गुहार को सुनने के बजाय उसकी राष्ट्रीय राजमार्ग में हमला कर जो दहशत पैदा की वह वीडियो में रोंगटे खड़े करने वाली हैं।

मंत्रीमंडल से बर्खास्त करे धामी सरकार 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को तत्काल मंत्रीमंडल से बर्खास्त करना चाहिए, वरना मंत्री के बाद संसदीय कार्यमंत्री का महत्वपूर्ण जिम्मा हैं। राज्य के एक मंत्री द्वारा स्वयं ऎसी घटना पॆदा करके राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाकर मुख्यमंत्री की कार्यशॆली पर बडा़ काला धब्बा लगा दिया हैं।

उन्होनें कहा कि यह राज्य के मूल निवासियों के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस वोट की ताकत से भाजपा को उन्होंने राज्य की गद्दी पर बैठाया, उसी सरकार के मंत्री बीच सड़क पर अपने गनर और पीए के साथ राज्य के युवकों को बेरहमी से पीट रहे हैं।

विधायकी रद्द करने की मांग

महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कहा कि इस घटना से उत्तराखंड की छवि धूमिल हुई है, चाहे अपने बेटे को कोरोना की आड़ में सरकारी विभाग में नौकरी दिलाना हो या विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट करना हो, प्रेमचंद अग्रवाल अपनी सत्ता की हनक से सरकारी तंत्र को अंगूठा दिखाते हुए राज्य के निवासियों को नीचा दिखाने में कभी भी पीछे नहीं रहे हैं। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से प्रेमचंद अग्रवाल की विधायकी रद्द करने की मांग की है।

 

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