धराली आपदा: खुदाई में मिली कुलदेवी राजराजेश्वरी की सुरक्षित मूर्ति

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उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आपदा प्रभावित इलाके में लापता लोगों की खोज अभियान जारी है। इस बीच, शनिवार को खुदाई के दौरान गलाणथोक गांव की कुलदेवी राजराजेश्वरी की चांदी की मूर्ति, उनके कटार तथा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां पूरी तरह सुरक्षित मिली हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह तीसरी बार है जब मां की मूर्ति किसी आपदा में यथावत बरामद हुई है। मूर्तियों के दर्शन कर आपदा प्रभावित ग्रामीण भावुक हो उठे और इसे अपनी आस्था से जोड़कर देख रहे हैं।

कुलदेवी राजराजेश्वरी की मूर्ति सुरक्षित

बीते 5 अगस्त को धराली में आए मलबे के सैलाब ने पुराने गांव को भारी नुकसान पहुंचाया था। इस आपदा में गलाणथोक का एक प्राचीन भवन भी जमींदोज हो गया, जिसमें कुलदेवी राजराजेश्वरी का मंदिर स्थित था। शुरुआती आकलन से लग रहा था कि मूर्तियां शायद ही मिल पाएंगी। हालांकि, आपदा के 12 दिन बाद खुदाई में मलबे से करीब 5 से 10 फीट नीचे पहले एक पेड़ दबा हुआ मिला। पेड़ को हटाने पर उसके नीचे राजराजेश्वरी की चांदी की मूर्ति, उनके कटार, पांच पांडवों की मूर्तियां तथा भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति बिल्कुल सुरक्षित अवस्था में बरामद हुईं।

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सर्च टीम ने इसकी जानकारी तुरंत ग्रामीणों को दी। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा हो गए और मां के दर्शन कर भाव-विभोर हो उठे। गलाणथोक के निवासी राजेश पंवार ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब कुलदेवी की मूर्ति आपदा से अछूती बची है। इससे पहले 1970 और 1980 के दशक में गांव में लगी आग में भी केवल मां भगवती का भवन ही सुरक्षित रहा था। इस बार मूर्ति के ऊपर गिरे पेड़ ने उसे सुरक्षा प्रदान की, जिसे ग्रामीण चमत्कार मान रहे हैं।

आपदा ने मचाई तबाही

बता दें कि धराली में अचानक आई इस आपदा ने पूरे कस्बे को तबाह कर दिया था। आपदा के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहा है। सर्च टीम को मलबे में दबी जिंदगियों की तलाश में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन टीम आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर लापता लोगों को ढूंढने में जुटी हुई है। साथ ही, प्रभावितों के पुनर्वास की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है। हाल ही में गठित उच्चस्तरीय समिति ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर पुनर्वास और आजीविका सुदृढ़ीकरण के उपायों पर चर्चा की है।

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