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सीएम धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतिम दिन मौली संवाद में की शिरकत

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 12 February 2025, 8:55 pm IST
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सीएम धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतिम दिन मौली संवाद में की शिरकत

देहरादून: 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन अवसर पर मौली संवाद नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया, जिसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी जी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस सत्र की शुरुआत ‘देवभूमि बनी खेल भूमि’ गीत से हुई।

मौली संवाद में सीएम धामी

इस कार्यक्रम में माननीय वन विभाग मंत्री सुबोध उनियाल, 38वें राष्ट्रीय खेल के सीईओ अमित सिन्हा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री धामी जी ने कहा कि उत्तराखंड ने पूरे खेलों की मेजबानी अपने राज्य में की, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी बताया कि 37वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखंड 25वें स्थान पर था, जबकि इस बार छठे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने इस उपलब्धि को खिलाड़ियों, आयोजकों और राज्य की खेल नीति का परिणाम बताया।

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खेल वन की स्थापना और पर्यावरण संरक्षण पर जोर

मुख्यमंत्री धामी जी ने ‘खेल वन’ की स्थापना के तहत स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ मिलकर पौधारोपण किया। इस पहल का उद्देश्य खेलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि इस बार के राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ के रूप में आयोजित किया गया, जहां हर संभव संसाधन का पुनः उपयोग किया गया। पुरस्कार ई-वेस्ट से बनाए गए, कोई खाद्य अपशिष्ट नहीं हुआ और स्वर्ण पदक विजेता द्वारा 1600 रुद्राक्ष के पेड़ लगाए गए। साथ ही 2.77 हेक्टेयर भूमि को वन भूमि के रूप में विकसित किया गया।

महिलाओं के लिए ‘ड्रोन दीदी’ पहल

मुख्यमंत्री ने ‘ड्रोन दीदी’ पहल के बारे में भी चर्चा की, जिसके अंतर्गत 52 महिलाओं को ड्रोन तकनीक की 330 घंटे की ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रेनिंग में असेंबली, उड़ान और कंप्यूटर सिस्टम की शिक्षा दी गई। इनमें से परीक्षा के बाद 5 महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिनमें आंचल आर्या, शिखा, काजल कुमार, प्रियंशी और प्रियंका आर्या शामिल हैं। इस पहल के पीछे के मुख्य व्यक्ति अविनाश चंद्रपाल को भी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय खेल की उपलब्धियां

38वें राष्ट्रीय खेल के सी.ई.ओ अमित सिन्हा ने बताया कि इस बार राष्ट्रीय खेल का आयोजन उत्तराखंड में 11 विभिन्न स्थलों पर किया गया, जिसमें 8 केंद्र शासित प्रदेशों और सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (SSCB) की भागीदारी रही। कुल 32 खेलों का आयोजन हुआ, जिनमें 4 डेमोंस्ट्रेशन स्पोर्ट्स भी शामिल थे। इन खेलों में 2200 तकनीशियन, 2535 वॉलंटियर और 275 खेल विशेषज्ञ वॉलंटियर ने योगदान दिया। खिलाड़ियों और आयोजन दल के लिए प्रतिदिन 25,000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। इस आयोजन में कुल 17 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए।

रात में हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर की राफ्टिंग

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि नेपाल-भारत सीमा के पास चंपावत में रात के समय राफ्टिंग का आयोजन किया गया, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंड के चकरपुर गांव में प्राचीन भारतीय खेल ‘मल्लखंब’ का आयोजन भी किया गया, जिससे सीमावर्ती गांवों में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा मिला।

कार्यक्रम के अंत में 38वें राष्ट्रीय खेल के सीईओ अमित सिन्हा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी और वन मंत्री सुबोध उनियाल को स्मृति चिह्न भेंट किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अब ‘खेलभूमि’ बन चुका है और राज्य सरकार इसे और आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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