Uttarakhand Landslide: उत्तराखंड में भूस्खलन (Uttarakhand Landslide) की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। साथ ही इस वर्ष राज्य में खूब बारिश भी हो रही है। उत्तराखंड में बढ़ती भूस्खलन की घटनाएं चिंता का विषय है। विशेषज्ञों के अनुसार उत्तराखंड में लंबे समय तक बारिश की कमी जैसे बारिश के पैटर्न। साथ ही बारिश की तीव्रता में बदलाव आने से इस मानसून में देवभूमि में भूस्खलन की घटनाओं में वृद्धि हुई है। सामान्य रूप से उत्तराखंड में भूस्खलन बढ़ाने का मुख्य कारण बारिश के पैटर्न में बदलाव माना जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन से हुआ बारिश के पैटर्न में बदलाव
जलवायु परिवर्तन से पूरी दुनिया परेशान है। जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश के पैटर्न में भी बदलाव आया है। इसका प्रभाव पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है। हिमालय क्षेत्र की इस बदलाव को झेलने की क्षमता घटती जा रही है। जिसके कारण इस मानसून में उत्तराखंड में अधिक भूस्खलन(Uttarakhand Landslide) हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस साल 13 से 15 सितंबर के बीच तीन दिनों में 102 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बारिश की यह मात्रा अधिक मात्रा में दर्ज हुई है।
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हिमालय क्षेत्र में बदला बारिश का पैटर्न
उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है। इस वर्ष अचानक से बारिश होना और जून और जुलाई के महीने में होने वाली बारिश का सितंबर के मध्य में होना बदलता बारिश का पैटर्न है। अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के निदेशक डॉ सुनील नौटियाल के द्वारा यह रिसर्च की जा रही है। हिमालय क्षेत्र की क्षमता को ध्यान में रखते हुए अगले वर्ष के मानसून महीने के लिए जल्द से जल्द हल ढूंढना बेहद जरूरी है।