Uttrakhand Trolley: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले गांववासियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य में बहुत से गांव ऐसे है जहां आवागमन के लिए ट्रॉली का इस्तेमाल किया जाता है। यह केवल विकल्प के तौर पर शुरु किया गया था। लेकिन देखते ही देखते सालो से थी विकल्प एकमात्र साधन बन गया। ट्रॉली से आवागमन करते हुए ट्रॉली से गिरने के कारण कई लोगों की मौत भी हुई थी। सभी बातों पर ध्यान देते हुए शासन ने ट्रॉली को हटाकर पुल बनाने का फैसला लिया है।
प्रदेश में 30 जगह ट्रॉली एकमात्र साधन
पूरे राज्य में कुल मिलाकर तीस जगह ऐसी है जहां ट्रॉली से ही गांव वालो को आना जाना करना पड़ता है। अब लोनिवि अधिकारियों के अनुसार, ट्रॉली की जगह पुल निर्माण की मंजूरी मिल गई है। अब डीपीआर के साथ आगे की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
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उत्तरकाशी में बन चुका है पुल
लोनिवि के विभागाध्यक्ष दीपक यादव से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 31 जगहों को चिह्नित किया गया था। जहां पर ट्राॅली का इस्तेमाल हो रहा है। अब इन ट्राॅलियों को हटाने और उनकी जगह सेतु बनाने का फैसला किया गया है। एक जगह उत्तरकाशी में पुल बन भी चुका है। 22 जगहों पर पुल बनाने की परमिशन मिल गई है, चार जगहों पर पुल की जरूरत नहीं है। चार जगहों के लिए आगणन की कार्रवाई की जा रही है। वहीं जरूरत के अनुसार अभी चिन्हित जगहों पर पैदल, मोटर पुल का निर्माण किया जाएगा।