उत्तराखंड में चल रही शिक्षक भर्ती में बड़ी अपडेट सामने आई है। जिसके तहत उत्तराखंड के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर चयनित 70 से अधिक महिला अभ्यर्थियों का चयन रद्द किया जाएगा।
बता दया की उत्तराखंड शिक्षा विभाग में 2906 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में ऐसे दो वर्षीय डीएलएड अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था जिनका विवाह दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में हुआ था। जिनकी नियुक्ति पर अब सरकार ने रोक लगा दी है।
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27 अगस्त 2024 को शिक्षा निदेशालय ने सरकार को पत्र भेजकर स्पष्ट दिशा निर्देश मांगे थे कि क्या इन अभ्यर्थियों को उत्तराखंड राज्य में आरक्षण का लाभ दिया सकता है या नहीं। कोई अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे पर समाज कल्याण, कार्मिक और न्याय विभाग से सुझाव मांगे गए हैं जिससे कि इस मामले में सही दिशा में कदम उठाए जा सके।
नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ
शासन के अधिकारियों के अनुसार कार्मिक विभाग के 10 अक्टूबर 2002 के शासनादेश के अनुसार दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के 29 दिसंबर 2008 के शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत दिए गए संरक्षण केवल सेवा शर्तों तक सीमित है।
इस तरह उत्तराखंड राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्यों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा और दूसरे राज्यों के लिए एससी, एसटी व अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत नहीं माने जाएंगे। इन सभी को आरक्षण की सुविधा केवल उनके पैतृक राज्य में ही मिलेगी।