Chandra grahan 2025: कल यानी 7 सितंबर 2025 को रात में आसमान में एक खूबसूरत नजारा दिखने वाला है। यह इस साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण है, जिसे ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस बार का ग्रहण भारत में पूरी तरह से दिखाई देगा, और यह लगभग 82 मिनट तक पूर्ण रूप में रहेगा, जो काफी लंबा है। अगर मौसम साफ रहा, तो आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं। लेकिन इसके साथ कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी हैं, खासकर हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
यह ग्रहण 7 सितंबर की शाम से शुरू होकर 8 सितंबर की सुबह तक चलेगा। यहां भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार पूरी जानकारी दी गई है।
चंद्र ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर की शाम 8:59 बजे उपछाया ग्रहण के साथ होगी, जब चंद्रमा पर हल्की छाया पड़ना शुरू होगी, हालांकि यह आसानी से दिखाई नहीं देगी। इसके बाद रात 9:58 बजे आंशिक ग्रहण शुरू होगा, जिसमें चंद्रमा पर गहरी छाया नजर आने लगेगी। रात 11:01 बजे पूर्ण ग्रहण शुरू होगा, जब चंद्रमा पूरी तरह लाल रंग का दिखेगा। ग्रहण का सबसे प्रभावशाली पल रात 11:42 बजे होगा, जब यह अपने चरम पर होगा। पूर्ण ग्रहण 8 सितंबर को सुबह 12:23 बजे खत्म होगा, इसके बाद आंशिक ग्रहण सुबह 1:25 बजे समाप्त होगा। अंत में, उपछाया ग्रहण सुबह 2:25 बजे पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
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कुल मिलाकर, ग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 घंटे 26 मिनट की होगी, लेकिन पूर्ण चरण सिर्फ 1 घंटा 22 मिनट का रहेगा। भारत के सभी हिस्सों में यह दिखाई देगा, चाहे आप दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या चेन्नई में हों। अगर आप विदेश में हैं, तो यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी यह नजर आएगा।
चंद्र ग्रहण कैसे देखें
चंद्र ग्रहण का नजारा देखना एक अद्भुत अनुभव है, जिसके लिए आपको ज्यादा तैयारी की जरूरत नहीं। बस रात के समय किसी खुले स्थान पर जाएं, जहां आसमान साफ दिखे। नंगी आंखों से ही चंद्रमा का बदलता रंग देखना रोमांचक होता है, लेकिन अगर आपके पास दूरबीन या टेलीस्कोप है, तो चांद की सतह को और करीब से देखने का मजा दोगुना हो जाता है।
अगर मौसम साफ नहीं है या आप बाहर नहीं जा सकते, तो परेशान न हों; NASA जैसी वेबसाइट्स या खगोल विज्ञान से जुड़े प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए ग्रहण का आनंद ले सकते हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान चांद का लाल रंग देखना सबसे खास होता है। यह लालिमा तब आती है, जब पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य की किरणों को छानकर लाल रंग को चंद्रमा तक पहुंचाता है, जिसे वैज्ञानिक ‘रेले स्कैटरिंग’ कहते हैं।
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
भारत में चंद्र ग्रहण को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह समय नकारात्मक ऊर्जा का होता है, इसलिए कुछ नियमों का पालन किया जाता है। हालांकि, विज्ञान कहता है कि ग्रहण देखने से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन परंपराओं का सम्मान करना अच्छा है। यहां कुछ मुख्य सावधानियां हैं।
सूतक काल: ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक शुरू होता है, यानी दोपहर करीब 1 बजे से। इस दौरान खाना बनाना या खाना वर्जित है। सिर्फ बीमार, बच्चे या बुजुर्ग खा सकते हैं।
खान-पान: ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाएं या पिएं। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके तुलसी पत्र डालकर रखा हुआ पानी या भोजन लें। नॉन-वेज, शराब या तामसिक चीजों से दूर रहें।
गर्भवती महिलाओं के लिए: घर से बाहर न निकलें, तेज वस्तुओं जैसे चाकू या कैंची का इस्तेमाल न करें। ग्रहण न देखें और आराम करें। कुछ लोग कहते हैं कि इससे बच्चे पर असर पड़ सकता है, हालांकि यह मिथक है, लेकिन सावधानी बरतें।
क्या करें: ग्रहण के समय भगवान का नाम जपें, मंत्र पढ़ें जैसे ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’। ग्रहण के बाद दान करें, जैसे गरीबों को भोजन दें।
ये सावधानियां हमारी पुरानी परंपराओं से आती हैं, जो स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से, ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है और कोई खतरा नहीं।
यह चंद्र ग्रहण साल 2025 का आखिरी है, अगला 2026 में आएगा। अगर आप एस्ट्रोनॉमी के शौकीन हैं, तो इसे मिस न करें। लेकिन सावधानियां जरूर रखें, ताकि सब कुछ शुभ रहे।
