Uttarakhand: उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। गढ़वाल के साथ-साथ कुमाऊं मंडल में भी बारिश के कारण जीवन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कुमाऊं(Uttarakhand) में चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-धारचूला बॉर्डर मार्ग बारिश के कारण हुए भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है। इसके अलावा टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर भी बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं। कुमाऊं मंडल में सड़कों पर पत्थर और मलबा आने से 61 सड़कें बंद हो गई है।
रास्ता खोलने में जुटी जेसीबी
कुमाऊं में बीते दिन बुधवार से लगातार बारिश हो रही है। वहीं पहाड़ी इलाकों में आज गुरुवार सुबह से भारी बारिश हो रही है। जिसके कारण अलग-अलग जगह पर भूस्खलन और भू-धसाव हो रहा है। सड़क पर मलबा और पत्थर गिरने के कारण 61 सड़कें बंद हो गई है। चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-धारचूला बॉर्डर मार्ग(Uttarakhand) बारिश के कारण हुए भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है। इसके अलावा टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर भी बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं। नेशनल हाईवे पर रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं। ऐसे में स्थिति को समझते हुए प्रशासन सतर्क है और जेसीबी से पत्थर हटाए जा रहे हैं।
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पिथौरागढ़ जिले में कल रात से तीव्र से अति तीव्र बारिश हो रही है। जानकारी के अनुसार जिले में 18 सड़कें बंद हो गई है। इनमें एक बॉर्डर मार्ग, एक राजमार्ग और 16 ग्रामीण सड़के शामिल है।
चंपावत में 14 सड़कें बंद
चंपावत जिले में भूस्खलन के कारण 14 सड़कें बंद है। इसमें टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग, ककराली गेट-ठुलीगाड़ राजमार्ग और 12 ग्रामीण सड़कें शामिल है।
इसके साथ ही नैनीताल में भी बीते दिन से तेज बारिश हो रही है। नैनीताल में 21 सड़कें भूस्खलन और मलबा सड़क पर आने के कारण बंद है। इसमें दो राजमार्ग और दो जिला मार्ग शामिल है।