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उत्तराखंड: शिक्षकों को लेकर राज्य सरकार का बड़ा फैसला, अब नहीं चलेगा कोई बहाना

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों और कार्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी जो लंबे समय से अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रह रहे हैं। शिक्षा महानिदेशक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 87 शिक्षक कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। ऐसे कर्मचारियों के जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है।

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शिक्षा विभाग के रिपोर्ट के अनुसार 09 प्रवक्ता, 16 सहायक अध्यापक एलटी, 42 प्राथमिक शिक्षक, 13 मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी और 07 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अनुपस्थित चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य के 145 से अधिक शिक्षक गंभीर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। जिनमें 84 प्राथमिक शिक्षक, 44 सहायक अध्यापक एलटी और 11 प्रवक्ता शामिल हैं।

एक्शन में शिक्षा विभाग 

शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए अब शिक्षा विभाग इन शिक्षकों की स्थिति को गंभीरता से ले रहा है। शिक्षा महानिदेश के अनुसार जो शिक्षक लंबे समय से ड्यूटी से गायब चल रहे हैं उन सबकी की सूची तैयार कर नोटिस भेजा गया है। नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद ऐसे शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जाएगी।

बता दे कि बीते सितंबर माह में शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने सभी जिलों से शारीरिक और मानसिक रुप से अस्वस्थ शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद अब शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लिए विभाग ठोस कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।

देहरादून में सर्वाधिक बीमार 

यदि जिलेवार बाद करें तो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सर्वाधिक 100 बीमार शिक्षक और कर्मचारी हैं। वहीं दूरस्थ जनपद पिथौरागढ़ में यह संख्या शुन्य है। बागेश्वर में 03, अल्मोड़ा में 02, चमोली 08, रुद्रप्रयाग 03, नैनीताल 04, उधम सिंह नगर 01, चंपावत 02, पौड़ी 02, हरिद्वार 13, उत्तरकाशी 02, टिहरी 03 बीमार शिक्षक और कर्मचारी हैं।

Patrika News Desk

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