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सीएम धामी ने थामी केदारनाथ उपचुनाव की कमान, निर्दलीय प्रत्याशी ने बढ़ाई मुश्किलें

उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों दलों ने केदारनाथ उपचुनाव पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वही उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ उपचुनाव की कमान स्वयं संभाली। इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा ने पांच कैबिनेट मंत्रियों समेत दर्जनों विधायकों को क्षेत्र में उतारा है जिससे पार्टी के लिए समर्थन जुटाया जा सके।

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केदारनाथ उपचुनाव के रण में भाजपा कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप के नए-नए रंग देखने को मिल रहे हैं। उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में मुंबई में हुए बद्रीनाथ मंदिर का मुद्दा उठाया तो कांग्रेस ने दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर सरकार को घेरा।

भाजपा को जीत जरूरी 

केदारनाथ उपचुनाव में अपनी जीत दर्ज कराना भाजपा के लिए अब नाक का सवाल बन गया है क्योंकि इससे पहले प्रदेश में हुए दो उपचुनावों बद्रीनाथ और मंगलोर में भाजपा को हार मिली थी। यही वजह से कांग्रेस केदारनाथ सीट को भी अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती। इसीलिए उत्तराखंड मुख्यमंत्री सीएम धामी ने केदारनाथ उपचुनाव की कमान थाम ली है।

निर्दलीय प्रत्याशी ने बढ़ाई मुश्किलें 

केदारनाथ उपचुनाव में पहले जहां भाजपा-काग्रेस की टक्कर होती थी। वहीं इस बार निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन दोनों पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। बेरोजगार संघ द्वारा भी त्रिभुवन को समर्थन दिया गया है। स्थानीय मतदाता भी ज्यादातर खुलकर अपने विचार व्यक्त करने से परहेज कर रहे हैं। इस चुनाव में किसके किस्मत चमकेगी वह तो 23 नवंबर को पता चल जाएगा। फिलहाल इस उप चुनाव पर सभी की नजरे हैं क्योंकि इसके नतीजे उत्तराखंड की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

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