उत्तराखंड में सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर चल रहे विवाद पर आखिरकार हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अन्य राज्यों से डीएलएड प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की दावेदारी करने के निर्णय को सही ठहराया।
जानिए पूरा मामला
दरअसल सोनम ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसने सहायक अध्यापक प्रथामिकत शिक्षा भर्ती के लिए आवेदन करते समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से डीएलएड पाठ्यक्रम करने का प्रमाण पत्र संलग्न किया था। जिसे प्राथमिक शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया था। विभाग की ओर से यह तर्क दिया गया कि सहायक अध्यापक प्रथामिक शिक्षा के लिए वह ही अभ्यर्थी अर्ह होंगे जिन्होंने उत्तराखंड के जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों ( डायट) से डीएलएड का कोर्स किया हो। और यह शर्त इन शिक्षकों की भर्ती संबंधी विज्ञप्ति पर पहले से ही लिखी थी।
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नैनीताल हाई कोर्ट ने इस चुनौती देती याचिका को खारिज कर दिया। याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया। याचिकाकर्ता सोनम ने सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षा के लिए आवेदन करते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से डीएलएड पाठ्यक्रम करने का प्रमाण पत्र संलग्न किया था। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने बताया कि शिक्षकों की भर्ती संबंधित विज्ञप्ति पर पहले से ही यह शर्तें लिखी है। इसी आधार पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका खारिज कर दी।
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