उत्तरकाशी: इस जगह मिली प्राचीन गुफा, ग्रामीण बोले..
उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा जाता है क्योंकि यहां कण-कण में देवताओं का निवास माना जाता है। कहा जाता है कि यहां ऋषि-मुनियों द्वारा सैकड़ों साल तपस्या की गई। उत्तराखंड को हिन्दू धार्मिक आस्था का केंद्र भी माना जाता है और यही वजह है कि प्रतिवर्ष यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ों में देवी-देवता तपस्या द्वारा तपस्या की गई जिसके साक्ष्य आज भी मिलते रहते हैं। हाल में ही उत्तरकाशी जिले के ज्ञाणजा गांव में एक प्राचीन गुफा मिली है, जिसके अंदर महाभारतकालीन श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली है। इसके साथ ही वहां शिवलिंग भी मिला है।
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वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर स्थित और उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर ज्ञाणजा गांव प्राकृतिक खूबसूरती से समृद्ध है। जहां जंगलों के बीच स्वामी शंकर महाराज ने करीब 250 मीटर प्राचीन गुफा की खोज की। ग्रामीणों के साथ गुफा के भीतर प्रवेश करने पर महाभारत कालीन भगवान श्रीकृष्ण की पत्थर की मूर्ति मिली, जहां भगवान श्रीकृष्ण हाथ में बांसुरी लिए खड़े हैं। इसके साथ ही गुफा के अंदर स्थापित किया हुआ शिवलिंग भी मिला।
धार्मिक आस्था का केन्द्र वरुणा घाटी
उत्तरकाशी जनपद में स्थित वरुणा घाटी धार्मिक स्थलों की वजह से काफी महत्वपूर्ण है। पंचकोसी वारुणी यात्रा का मुख्य पड़ाव यही से शुरू होती है। 15 किमी की इस पैदल यात्रा में प्रतिवर्ष श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और इस दिन पूरे क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त जलपान की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा की जाती है। वारुणा घाटी में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में दर्शन के लिए उड़िया अभिनेताओं सब्यसाची और अर्चिता पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया।