गरीबी में गुजरा बचपन, आसान नहीं था टॉप डायरेक्टर बनने का सफर, फिल्मी कहानी जैसी रही असल जिंदगी
निर्देशक साजिद खान आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह ‘हे बेबी’, हाउसफुल फ्रैंचाइजी जैसी अपनी कई शानदार कॉमेडी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। साजिद खान का जन्म बॉलीवुड के जाने माने डायरेक्टर रहे कामरान खान और उनकी पत्नी मेनका ईरानी के घर हुआ था। अमीर परिवार में जन्म लेने के बाद भी उनका बचपन गरीबी में गुजरा था। आज के समय में वह फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं। बचपन से लेकर यंग होने तक साजिद की जिंदगी किसी फिल्म की कहानी से नहीं है। इतना ही नहीं साजिद की बहन फराह खान इंडस्ट्री की जानी मानी कोरियोग्राफर और डायरेक्टर हैं।
गरीबी की मार ने बनाया टॉप डायरेक्टर
साजिद खान ने करियर की शुरुआत दूरदर्शन के शो ‘मैं भी डिटेक्टिव’ से की थी। उन्होंने बचपन में काफी कुछ झेला है जब वह 14 साल के थे। उनके पिता की शराब पीने की वजह से मौत हो गई थी, जिसे उनका लीवर डैमेज हो गया था। तब उनकी बहन फरहा ने घर की सारी जिम्मेदारी संभाली थी। ये सब उन्होंने ‘बिग बॉस 16’ के दौरान बताया था जब वह घर में थे। साथ ही उन्होंने ये भी खुलासा किया था की बचपन में वे सड़कों पर टूथपेस्ट भी बेच चुके हैं।
ऐसा रहा साजिद खान का करियर
‘मैं भी डिटेक्टिव’ से एंट्री करने वाले साजिद खान ने इसके बाद कई शो में काम किया और कुछ शोज के होस्ट भी बने। फिर धीरे-धीरे फिल्मों को डायरेक्टर करना शुरू किया, जिसकी बाद उन्हें ऐसी सफलता मिली कि कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साजिद खान ने कई शानदार फिल्में दी और अपने जादू दिखा दिया। बता दें कि उन्होंने ‘डरना जरूरी है’ (2006) के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की जो 6 शॉर्ट मूवीज की एंथोलॉजी थी, जिसमें उन्होंने एक पार्ट का निर्देशन किया था। वह भारतीय रियलिटी टीवी शो ‘नच बलिए’ में जज भी रह चुके हैं।
डायरेक्टर-एक्टर बन मचाई धूम
साजिद ने ‘हे बेबी’ (2007), ‘हाउसफुल’ (2010) और ‘हाउसफुल 2’ (2012), ‘हिम्मतवाला’ (2013), ‘हमशकल्स’ (2014), फिल्मों का निर्देशन किया है। उन्होंने फिल्म ‘झूठे बोले कौवा काटे’ (1998), ‘मैं हूं ना’ (2004), ‘मुझसे शादी करोगी’ (2004) और ‘हैप्पी न्यू ईयर’ (2014) में सहायक भूमिका निभाई हैं।